तंबाकू की खेती

तम्बाकू की खेती किसानों के लिए कम समय व कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली है। भारत में करीब 4.93 लाख हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर तम्बाकू का उत्पादन किया जाता है। देश में एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसल होने के कारण इसे स्वर्णिम पत्ती भी कहा जाता है। तम्बाकू का उपयोग बीड़ी, हुक्का, नातू, शेरूट और सिगार बनाने के लिए किया जाता है।


तंबाकू

तंबाकू उगाने वाले क्षेत्र

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और कर्नाटक के क्षेत्रों में मुख्य रूप से पैदा की जाती है।

तंबाकू की स्वास्थ्य एवं पौष्टिक गुणवत्ता

धूम्रपान को प्लाज्मा में विटामिन सी और बी-कैरोटीन के स्तर को कम करने के लिए दिखाया गया है। कैडमियम, तंबाकू में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है, सेलेनियम की जैव उपलब्धता को कम करता है और जिंक के प्रति विरोधी रूप से कार्य करता है, जो एंटीऑक्सिडेंट एंजाइम, सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज के लिए एक सहकारक है।

बोने की विधि

तंबाकू की पौध तैयार करने के लिए नर्सरी क्षेत्र में बीज की बुवाई विभिन्न प्रकार से की जाती है। कुछ कृषक बीजों को जल के साथ मिलाकर फव्वारे से नर्सरी क्षेत्र में फैला देते हैं। वहीं कुछ किसान बीज उर्वरक के साथ मिलाकर छिड़काव विधि से बो देते हैं। कुछ बीजो को राखिया रेत के साथ मिलाकर क्षेत्रवाद बुवाई करते हैं।

खेत की जुताई व मिट्टी की तैयारी

तम्बाकू के लिए गहरी दोमट अथवा मिश्रित लाल व कछारी मिट्टी उपयुक्त रहती है।

बीज की किस्में

तंबाकू के लिए कौन कौन सी किस्मों के बीज आते हैं ?

1. तंबाकू(खाने के लिए) - पीटी 76, हरी बंडी, कोइनी, सुमित्रा, रंगपुर, ह्यइट वर्ले, भाग्य लक्ष्मी, सोना, गंडक बहार, पीएन 70, एनपी 35, प्रभात, डीजी 3, आदि।2. हुक्का, बीड़ी, सिगार व चुरुट के लिए - एनपी 220, टाइप 23, टाइप 49, टाइप 238, पटुवा, फरुखाबाद लोकल, मोतीहारी, कलकतिया, पीएन 28, एनपीएस 219, पटियाली, सी 302 लकडा, एनपीएस 2116, चैथन, हरिसन स्पेशल, वर्जिनिया गोल्ड, जैश्री, धनादयी, कनकप्रभा, सीटीआरआई स्पेशल, जीएसएच 3, के 49, जी 6 आनंद 119, लंका 27, डीआर 1, भवानी स्पेशल, आदि।

बीज की जानकारी

तंबाकू की फसल में बीज की कितनी आवश्यकता होती है ?

तंबाकू की 1 हेक्टेयर फसल की रोपाई के लिए लगभग 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में तंबाकू के 50 ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है।

बीज कहाँ से लिया जाये?

तंबाकू के बीज किसी विश्वसनीय  स्थान से ही खरीदना चाहिए।

उर्वरक की जानकारी

तंबाकू की खेती में उर्वरक की कितनी आवश्यकता होती है ?

खाद एवं उर्वरक - 1 हेक्टेयर फसल में 2 वर्ग मीटर नर्सरी तैयार करने के लिए लगभग 100 किग्रा सड़ी हुई गोबर की खाद बुवाई के 1 माह पूर्व मिला देनी चाहिए। 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली हुक्का तंबाकू की नर्सरी के लिए 120 किग्रा नाइट्रोजन, 80 किग्रा फॉस्फोरस और 40 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर उचित है । सिगरेट तंबाकू के लिए 1 हेक्टेयर पौधा नर्सरी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा 100, 60 व 30 किग्रा है।

जलवायु और सिंचाई

तंबाकू की खेती में सिंचाई कितनी बार करनी होती है ?

भूमि में नमी की कमी से पौधों में नई जड़ें विकसित नहीं हो पाती है, जिसके फलस्वरूप पादप बढ़वार रूक सकती है। बुवाई के 30-35 दिनों बाद दूसरी सिंचाई देना चाहिए, क्योंकि इसके बाद पौधों में नए कल्ले तेजी से आना शुरू होते हैं और नये कल्ले बनाने के लिए पौधों को पर्याप्त नमीं एवं पोषण की आवश्यकता रहती है। 

रोग एवं उपचार

तंबाकू की खेती में किन चीजों से बचाव करना होता है?

कीट नियंत्रण - तंबाकू की फसल में कटवा सुंडी, तना बेधक व मक्खियां नुकसान पहुंचाते रहते हैं। इन पर नियंत्रण के लिए 1 किग्रा डीडीटी की मात्रा को 500 लीटर जल में घोलकर उसके दो स्प्रे करने चाहिए। तना बेधक पर नियंत्रण हेतु क्लोरोन्टिनीपोल18.5% SC  का स्प्रे करना चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण

तंबाकू की फसल में उगने वाले खरपतवारों को उखाड़ कर नष्ट कर देना चाहिए। फसल की रोपाई के 2 सप्ताह बाद पहली निराई खुरपी की सहायता से करनी चाहिए। तंबाकू के पौधों की निराई गुड़ाई के अतिरिक्त उनमें शीर्ष कीर्तन भूस्तारी तोड़ने की प्रक्रिया भी समय अनुसार पूर्ण कर लेनी चाहिए।

सहायक मशीनें

मिट्टी पलट हल, देशी हल या हैरों, खुर्पी, फावड़ा, आदि।