लाख एक प्राकृतिक राल है, जो नन्हे-नन्हे लाख कीटों द्वारा सुरक्षा हेतु अपने शरीर में उपस्थित सूक्ष्म ग्रंथियों द्वारा रेजिन्स स्त्राव के फलस्वरूप प्राप्त होता है । लाख से प्राप्त राल के हानी रहित गुणों के कारण इसका महत्व रसायनिक यौगिको के रालों से अधिक है। राल के अतिरिक्त मोम और सुन्दर लाल रंग सह उत्पाद के रूप में प्राप्त होतें है, जिनका भी व्यवसायिक महत्व है। आज न केवल लाख सज्जा के लिये उपयोगी है, अपितु औषधि खाद्य प्रसंस्करण, विधुत, सौन्दर्य प्रसाधन ,सूक्ष्म रसायन एवं सुगंध उद्योग में भी इसका इस्तेमाल होता है ।
इसकी खेती अधिकतम झारखंड, छत्तीसगढ़ , पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में की जाती है।
इसका उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन, चमड़ा उद्योग में किया जाता है
लाख कीट नर्म, मुलायम और रसदार टहनियों पर अच्छा पलता है|
लाख कीट से एक वर्ष में दो फसलें ली जाती हैं जिसे बैसाखी (ग्रीष्मकालीन) और कतकी (वर्षाकालीन) फसल कहते हैं| बैसाखी फसल हेतु लाख कीट या बीहन को वृक्षों पर अक्तूबर या नवम्बर माह में तथा कतकी के लिए जून या जुलाई माह में चढ़ाया जाता है| वैसाखी और कतकी फसल बीहन चढ़ाने के बाद क्रमशः 8 और 4 माह में तैयार हो जाती है|
इसमें बीज नहीं होता लाख कीट नर्म, मुलायम और रसदार टहनियों पर अच्छा पलता है|
लाख कीट में उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती
भूमि में नमी की कमी से पौधों में नई जड़ें विकसित नहीं हो पाती है, जिसके फलस्वरूप पादप बढ़वार रूक सकती है। बुवाई के 30-35 दिनों बाद दूसरी सिंचाई देना चाहिए, क्योंकि इसके बाद पौधों में नए कल्ले तेजी से आना शुरू होते हैं और नये कल्ले बनाने के लिए पौधों को पर्याप्त नमीं एवं पोषण की आवश्यकता रहती है। आवश्कतानुसार सिंचाई करे !
पिजीवी कीट सभी परजीिी कीटों में से टेकार डडफे गसटेकारडडई ि टेट्रास्स्टकल परप्यरुरयम मुख्य है। जो लाख को नकुसान पहुाँचाते हैं। यह अपने अण्डे लक्ष कक्ष में दे देते हैं। तथा अण्डों से तनकलते ही लाख कीट पर भरण करते हैं। इनसे 5-10 प्रततशत हातन प्रततििक होती है। भिकािी कीट सभी सशकारी कीटों में से यबुलेमा अमाबबसलस ि होलोसेरा पलिेई ु प्रमखु हैंइन दोनों की सस्ुण्डयां लक्ष कीट और लाख दोनों को ही खाती है। इनके अततररक्त क्राइसोपा स्स्पसीज भी कीटों को खाती है। सशकारी कीटों से उपज में लगभग 40 प्रततशत हातन का अनमु ान लगाया गया है।िोकथाम एवं ननयंत्रण परजीिी ि सशकारी कीटों से यक्ुत बीहन लाख का ही उपयोग करें। फुंकी लाख को 3 सप्ताह (21 ददन) बाद हटा लेना चादहए। यांबिक तनयंिण: शिुकीटों से सरुक्षा हेतु60 मेश नाईलॉन की जाली (33 से.मी.× 10 से.मी.) टहतनयों स्जन पर लाख का कीट स्स्थत हैपर दोनों ससरे से बांध दे।सक्ष्ूम जैववक ननयंत्रण जैविक कीटनाशी थुरीसाइड (बैससलस थुरीन्जैनेससस) का 30-35 ददन की फसल पर तछड़काि करे
फसल की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए गोडाई की आवश्यकता होती है। पहली गोडाई रोपाई के 3-4 सप्ताह बाद और प्रत्येक 2-3 महीनों में एक बार लगातार गोडाई करें।
मिट्टी पलट हल, देशी हल, कुदाल, खुरपी, फावड़ा, आदि यंत्रों की आवश्यकता होती है।