चिया सीड की खेती

चिया सीड बहुत ही छोटे आकार के, सफेद, भूरे और काले रंग के होते हैं, जो कि काफी स्वस्थवर्धक होते हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग चाय बनाने में भी किया जाता है। चिया अधिक समय तक शरीर को एनर्जी देने के लिए काफी अच्छा एनर्जी स्रोत माना जाता है। चिया की खेती सदियों से मैक्सिको और ग्वाटेमाला में बड़े पैमाने पर होती रही है, और अब इसकी खेती भारत में भी होती है। इसे साल्विया की फसल कहते हैं। यह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ फसल है, तथा इसके उत्पादन में लागत भी काफी कम आती है। चियासीड की खेती के लिए न्यूनतम ताप 8-10 डिग्री सेंटीग्रेड व अधिकतम ताप 25-27 डिग्री सेंटीग्रेड की आवश्यकता होती है।


चिया सीड

चिया सीड उगाने वाले क्षेत्र

भारत में चिया की खेती मुख्यत: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में की जाती है।

चिया सीड की स्वास्थ्य एवं पौष्टिक गुणवत्ता

चिया सीड में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, पोटेशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, कैल्शियम, जस्ता, तांबा, आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं।

बोने की विधि

1. छिटकवाँ विधि - चिया की बुवाई मुख्यत: छिटकवाँ विधि से की जाती है। इसके लिए बीज को रेत या राख के साथ मिलाकर खेतों में छिटकते हैं। 2. रोपण विधि - इस विधि में पहले बीजों की बुवाई क्यारियों में की जाती है। जब पौध 3-4 सप्ताह की हो जाए तब उसकी रोपाई मुख्य खेत में की जाती है। रोपाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी तथा पौध से पौध की दूरी 30 सेमी रखनी चाहिए। रोपाई सांय के समय करनी चाहिए।

खेत की जुताई व मिट्टी की तैयारी

चिया की खेती के लिए पहली जुताई मिट्टी पलट हल से करके 2-3 जुताई देशी हल या हैरों से करने के बाद पाटा लगा देना चाहिए

बीज की किस्में

चिया सीड के लिए कौन कौन सी किस्मों के बीज आते हैं ?

चिया बीज देखनेमें बहुत छोटे होते है आकार के, सफेद, भूरे और काले रंग के होते हैं

बीज की जानकारी

चिया सीड की फसल में बीज की कितनी आवश्यकता होती है ?

एक हैक्टेयर क्षेत्र की बुवाई के लिए 4 किलो बीज की आवश्यकता होती है। 

बीज कहाँ से लिया जाये?

चिया के बीज के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञानं केंद्र  से संपर्क कर सकते हैं।

उर्वरक की जानकारी

चिया सीड की खेती में उर्वरक की कितनी आवश्यकता होती है ?

चिया की फसल में खाद एवं उर्वरक की कम मात्रा (या न के बराबर) की आवश्यकता होती है। अच्छी उपज के लिए 5 - 6 टन गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कम्पोस्ट रोपाई के पूर्व खेत में अच्छी प्रकार मिला देना चाहिए तथा उर्वरकों में 30-40 किग्रा नाइट्रोजन, 20-30 किग्रा फॉस्फोरस, 20 किग्रा पोटाश प्रति हैक्टेयर की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन की आधी मात्रा तथा फॉस्फोरस एवं पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा रोपाई के पूर्व एवं नाइट्रोजन की शेष मात्रा खड़ी फसल में टॉप ड्रेसिंग के रूप में देनी चाहिए।

जलवायु और सिंचाई

चिया सीड की खेती में सिंचाई कितनी बार करनी होती है ?

भूमि में नमीं के स्तर और मौसम के अनुसार 10-15 दिन के अन्तराल पर हल्की सिचाई करते रहें।

रोग एवं उपचार

चिया सीड की खेती में किन चीजों से बचाव करना होता है?

कटवा इल्ली: यह इल्ली पौधे को जमीन के पास से काटकर नुकसान पहुँचाती है, तथा पत्तियों को भी खुजती है, इसकी रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी दवा का 2.5 मिलीलीटर पानी के हिसाब से मिलाकर छिड़काव करें।

खरपतवार नियंत्रण

खेत में खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 2-3 निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

सहायक मशीनें

मिट्टी पलट हल, देशी हल, या हैरों, कल्टीवेटर, खुर्पी, कुदाल, फावड़ा आदि यन्त्रों की आवश्यकता होती है।